शायरी दोस्ती अपनी सच्ची थी, मैं पानी सा उसमें घुलता गया !! इश्क़ कच्चे रंग सा था, पल दो पल में जो धुलता गया !! Read More » अगस्त 22, 2019 3:09 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं