शायरी तू है दानव, मैं था मानव, अब तो मैं तुझसे बड़ा दरिंदा हूँ !! गुलामी होगी शहर में तेरे, मैं तो आज़ाद परिंदा हूँ !! Read More » सितम्बर 4, 2019 9:05 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं