शायरी शिक्षा का, मकान का, दुकान का, जरूरतों के हिसाब से कर्ज़ हो गया !! “बस भर दूं अब तो EMI जैसे – तैसे”, इंसान इसी सोच में खुदगर्ज़ हो गया !! Read More » दिसम्बर 12, 2019 12:52 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर तकदीरें कुछ यूँ भी बदनाम हो गई, जब तदबीरें सारी नाकाम हो गई !! Read More » दिसम्बर 12, 2019 12:29 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी ज़िन्दगी में मिले लोगों का, बस इतना सा सार है !! जिससे मिला मन ‘वो बढ़िया’, और बाकी सब बेकार है !! Read More » दिसम्बर 12, 2019 12:05 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं