शेर कहाँ! कोई इससे खतरनाक ज़हर है, जहाँ! इंसान को इंसान से बैर है !! Read More » मार्च 26, 2020 7:15 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी आजकल की रिश्तेदारी कैसी तवायफ हो चली है !! जिधर देखे पैसा उधर हो चली है !! Read More » मार्च 26, 2020 6:40 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी जरूरी नहीं, ग़लतफ़हमियाँ ही कारण बने ! खामखां की जिद्द भी बहुत अच्छा फ़र्ज़ निभाती है रिश्तें को बिखेरने में !! Read More » मार्च 26, 2020 6:00 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं