शायरी तेरी ज़ुल्फें यूँ बिखरी मेरे चेहरे पर, कि पूरे शहर में बादल उमड़ आए !! लोग ताकते रह गए अपनी-अपनी छतों पर , और ये बारिश की बूँदे मुझे भिगाए !! Read More » अप्रैल 19, 2020 10:00 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर मोहब्बत से ही तो बदलाव आता है, नफ़रत से तो बदले का भाव आता है !! Read More » अप्रैल 19, 2020 6:40 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी लंकेश्वर त्रिलोकपति का जहाँ न टिक पाया हो डेरा, जब भारतवर्ष के रघुनायक ने उसको रणभूमि में घेरा !! क्या तेरा वजूद कोरोना, तू तो महज़ मकोड़ा है, तेरा भी विध्वंस करे जो ऐसा भारत देश है मेरा !! Read More » अप्रैल 19, 2020 4:48 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी अनमोल हैं ये मोहब्बत, इसका कोई दाम नहीं !! थोड़े फ़िज़ूलखर्च बनो, ये बनियो का काम नहीं !! Read More » अप्रैल 19, 2020 4:24 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं