शायरी झोपड़ी पड़ी है ख़ाक अंदर से, बाहर दिखावटी रोगन हो रहा है !! अजीब सियासी दौर है ‘नीवो’, यहाँ प्रश्न से ही प्रश्न हो रहा है !! Read More » अप्रैल 26, 2020 10:28 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
ग़ज़ल बढ़ रहा है उनका हुस्न-ओ-शबाब आहिस्ता आहिस्ता, निखर आएगी मेरी भी शायरी आहिस्ता आहिस्ता !! … पूरी गज़ल के लिए क्लिक करे! Read More » अप्रैल 26, 2020 10:14 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी रिश्तें ज्यादा याद नहीं रहते लोगों को, अपनों को भूल जाने का दौर देखा हैं !! मदद करती तो हैं ये दुनिया लेकिन, एहसान जताने का यहाँ शोर देखा हैं !! — पूरी शायरी पढ़ने के लिए क्लिक करे! Read More » अप्रैल 26, 2020 9:46 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी अपने जिगर में दम रखता हूँ, लहज़ा नरम रखता हूँ !! तूफ़ानों का भी रुख मोड़ दूँ, मैं वो अपने अंदर हुनर रखता हूँ !! Read More » अप्रैल 26, 2020 9:27 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं