शेर बनना नहीं मुझे महज़ कुछ शब्दों की सुर्ख़ियां, मुझे तो मुक़म्मल किसी का अखबार बनना है !! Read More » अप्रैल 27, 2020 11:20 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी सदियों से जो राज़ दफ़न है, तुम कहो तो तुम्हें बतलाऊँ क्या? तुम क्या चाहतें हो! मैं तुम्हारे इश्क़ में, फ़िर से बर्बाद हो जाऊँ क्या? Read More » अप्रैल 27, 2020 10:53 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं