अपने फायदा और नुकसान के
हिसाब से रिश्ते बनाते और बिगाड़ते हो,
मोहब्बत में वासना, यारी में लालच,
तुम लोगो पर हावी रहता हैं,
शायद इसलिए तुम लोगो का
मन इतना मैला रहता हैं !!
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Archive for date: अप्रैल 28th, 2020
घर में जो कैद है
उनकी तो फिर भी
बस एक वक़्त की रात है !!
घर से दूर कार्मिकों की,
और भूख से तड़पते गरीबों की,
इनकी तो पल-पल काली रात है !!
झूठ बोलती हूँ तो लफ़्ज़ ठहर जाते हैं,
सच बोलती हूँ तो लोग रूठ जाते हैं !!
परिंदे साफ आसमां देख रहे हैं,
हरी भरी डालियों पर चहक रहे हैं !!
प्रकृति के बच्चों का सम्मान हुआ हैं,
देश में मेरे लॉकडाउन हुआ हैं !!
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बेटी जिस दिन पिता के घर जन्म लेती है,
घर में लक्ष्मी का वास कर देती है !!
हाँ जनाब ये नारी पिता पे बोझ नहीं,
ये तो खुशियों से उनकी झोली भर देती है !!
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परित्यक्त प्रेम का अभिलाषी बन कर,
कौन जिए,
कब तक बैठोगी, मृगनयनी एकांत को,
मन में, मौन लिए,
कॉलेज क्लास खत्म करके,
तुम्हारा यूँ, घर ना जाना,
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गलतियों से भी तुम सीखते रहो,
उम्र में तजुर्बां हमें इसी से आता हैं !!
राहें पहचान जातें हैं, भटकते हुए,
सही गलत का फर्क इसी से आता हैं !!
फूल रह जाएँगे गुलदान में यादें बनकर,
मैं तो ख़ुशबू हूँ हवाओं में बिखर जाऊँगी !!