राम को रहीम से और
रहीम को राम से
शिकायत है।
होनी भी चाहिए क्योंकि
ये दोनों बरसों-बरस के
साथी रहे हैं।
ऐसे साथी जिनको एक-दूसरे से
अलग कर पाना मुश्क़िल है।
उतना ही मुश्क़िल, जितना
ख़ुद को ख़ुद से अलग करना।
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हालातों के मारे ये कल के उजाले हैं।
शिक्षा आजकल दौलत के हवाले हैं।
कैसे पड़ेगा बच्चा, अगर गरीब होगा,
अमीरों को ही तो पढ़ना नसीब होगा,
दिल इस कारोबार में कितने काले हैं।
शिक्षा आजकल दौलत के हवाले हैं।
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