शायरी बहुत थे अधूरे ख़त मेरे, जो मैंने लिखे और छुपा दिए !! उनकी याद में जलते थे जो चराग़ कभी, आँशुओ तले न जाने, कब मैंने बुझा दिए !! Read More » फ़रवरी 6, 2018 12:26 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं