शायरी
कभी लगा ही नहीं था,
तुम्हारे जाने का इतना दुख होगा,
शायद इसलिए कि कभी महसूस ही नहीं हुआ
कि तुम इतनी जल्दी विदा ले जाओगे !
हालांकि साल, दो साल से एक डर ज़रूर था,
जो आज एक रोज़ भयावह सच में तब्दील हो गया !
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