सपनों को अपने तुम मन में छुपा लेती हो,
मेरी एक मुस्कान देख ख़ुशी पा लेती हो,
हर ज़िम्मेदारी को बखूबी निभा लेती हो,
माँ तुम कितनी प्यारी हो सब सँवार देती हो!
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Author Archive for: Shivnitya (Khwabon.ka.samndar)
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मेरी हर मुश्किल घड़ी में हमेशा मेरा साथ निभाते हो,
पिता तुम मेरी शक्ति हो हर मोड़ पे मुझे मज़बूत बनाते हो !!
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जून 21, 2020
7:56 अपराह्न
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शायरी
अमीर तो है महफूज़ यहाँ,
अपनों के संग समय बिता रहे !!
गरीब भूखे पेट कहाँ जाए,
जो सड़कों पर मजबूर चिल्ला रहे !!
एक वक़्त की रोटी के लिए,
ये गरीब हर रोज़ तड़पता है !!
मुस्कुरा कर फिर भी देश को,
खुद से पहले रखता है !!
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जून 5, 2020
7:31 अपराह्न
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शायरी
एक अजीब सी चल रही ये लहर है,
हर तरफ बिमारी का कहर है !!
अब तो हवा में भी मिल रहा ज़हर है,
मातम में घिर चुका हर शहर है !!
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जून 2, 2020
7:00 अपराह्न
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शायरी
बेटी जिस दिन पिता के घर जन्म लेती है,
घर में लक्ष्मी का वास कर देती है !!
हाँ जनाब ये नारी पिता पे बोझ नहीं,
ये तो खुशियों से उनकी झोली भर देती है !!
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अप्रैल 28, 2020
7:00 अपराह्न
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