Archive for category: शेर
शेर
मेरे करीब ही था वो शख़्स मुझे खूब चाहने वाला,
मैं फ़िज़ूल ही भटक रहा था चाहने वालों की तलाश में !!
अप्रैल 22, 2020
7:35 अपराह्न
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शेर
आंखों से अपना इरादा जता दें,
तुझे देखूँ या लिखूँ ये बता दें !!
अप्रैल 21, 2020
9:01 अपराह्न
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शेर
मोहब्बत से ही तो बदलाव आता है,
नफ़रत से तो बदले का भाव आता है !!
अप्रैल 19, 2020
6:40 अपराह्न
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शेर
एक नई उमंग के संग चमचमाता सवेरा होगा,
चंद कुछ किरणों से कँपकपाता अंधेरा होगा !!
अप्रैल 15, 2020
2:48 अपराह्न
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शेर
‘झूठ’ की रफ़्तार कुछ यूँ भी तेज़ है,
‘सच’ को बिन ‘प्रमाण’ चलने से परहेज़ है !!
अप्रैल 13, 2020
8:42 अपराह्न
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शेर
दुनिया से क्यों रूठे से लगते हों,
अंदर से जनाब टूटे से लगते हों !!
अप्रैल 13, 2020
8:22 अपराह्न
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शेर
तुम जैसा ही हूँ मैं भी, कोई जुदा नहीं,
गलतियों का पुतला हूँ, कोई ख़ुदा नहीं !!
अप्रैल 12, 2020
2:42 अपराह्न
2 टिप्पणियाँ
शेर
एक बे-सहारा किसी के संग लेट के,
लाती है दो वक़्त की रोटी समेट के !!
अप्रैल 12, 2020
1:32 पूर्वाह्न
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शेर
अभी मुझे सपना आया और सपने में दिखी तुम,
फिर चैन मेरा चला गया और नींद हो गई गुम !!
अप्रैल 12, 2020
12:54 पूर्वाह्न
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