मैं तुझे खोना नहीं चाहती,
तू ज़िन्दगी है मेरी…
एक पल के लिए नही,
एक लम्हें के लिए नही…
ज़िन्दगी भर के लिए,
तू ज़िन्दगी है मेरी…
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मैं पढ़ता भी हूँ और पढ़ाता भी हूँ,
सत्ता से सवाल करना सिखाता भी हूँ,
तर्कवादी बने के लिए उकसाता भी हूँ,
सत्ता से संघर्ष ही धर्म हैं बतलाता भी हूँ,
इसलिए मैं देशद्रोही कहलाता हूँ !!
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दुनिया की नजरों में, वही शख्स बेचारा हुआ,
हालातों से लड़कर, जो खड़ा ना दोबारा हुआ !!
तेरी ज़िन्दगी तो एक इम्तिहान जैसी है ‘केशव’,
इसमें नाकाम इंसान, कहाँ किसी को प्यारा हुआ !!