ये कैसी उम्र में आकर मिली हो तुम,
जी चाहता है फिर से जवां हो जाऊँ !!
रख कर तेरी गोद में सर अपना,
चाँद जैसी सूरत का फिर से दीदार कर जाऊँ !!
~विजय सिंह दिग्गी
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