शायरी जहां तक मुमकिन है, तुम्हारे साथ रहूँगा !! हो न सका तुम्हारी सुबह का सूरज, तो चाँद-ए-रात रहूँगा !! Read More » सितम्बर 12, 2019 7:51 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं