शायरी एक मंज़िल, एक डगर है मगर, विपरीत दिशा नज़रों को अखरती है !! वो चली जाती है ‘नीवो’ दूर मगर, हमेशा पास से होकर तो गुज़रती है !! Read More » अक्टूबर 20, 2019 2:48 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं