शायरी तराश रहा वो इसी आस में, काश! ये महीने भर का निवाला होगा !! जलेगी लौं जब माटी के दीपक में, घर किसी और के भी उजाला होगा !! Read More » अक्टूबर 27, 2019 3:54 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं