शायरी लगन की आग सुलगाते सुलगाते !! जलन की आग कब भड़क उठी पता ही न चला !! Read More » फ़रवरी 3, 2020 6:50 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी ये कैसा समंदर बन कर आए हो तुम न मेरी कश्ती किनारे पर लगानी है न मेरी प्यास भुझानी है !! Read More » फ़रवरी 3, 2020 6:21 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं