शायरी सफर इतना लंबा भी ना था, कि मुसाफ़िर घर को लौट ना पाया !! भटक गया या तो वो राह अपनी, या ख़्वाहिशें अधूरी छोड़ ना पाया !! Read More » मई 5, 2020 8:49 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी हमें दामन पर गंदे दाग नहीं चाहिए, बेशर्मी के पौधों के बाग नहीं चाहिए !! इज्जत को जो जलाके तार तार करदे, मेरे वतन को ऐसे चिराग नहीं चाहिए !! … पूरी शायरी पढ़ने के लिए क्लिक करे! Read More » मई 5, 2020 8:19 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं