शायरी सुनो जो गीत गाऊं मैं पढ़ो अखबार हो जाऊँ, हो सजना औऱ संवरना तो गुले गुलज़ार हो जाऊँ !! तुम्हारे प्यार में बोलो तो मैं हर हद गुज़र जाऊँ, रहो जो साथ तुम मेरे तो नित इतवार हो जाऊँ !! Read More » जुलाई 24, 2021 6:25 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर डूब जाने को पास हमारे भी इक दरिया-ए-मुहब्बत था, ख़ामख़ा हम ही इश्क़ में किनारो पे सब कुछ गवा बैठे !! Read More » जुलाई 24, 2021 6:00 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर ज़रूरी नहीं मिले विचार तुम्हारे सभी से यहाँ, तुम्हीं बताओं आसमाँ मिले ज़मीं से कहाँ ? Read More » जुलाई 24, 2021 4:57 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं