शायरी गुलाम हैं तू, गुलामगिरी कर, ए-दिल औकात में रह, मोहब्बत न कर !! कमज़ोर हैं टूट जाएगा, बिखर जाएगा, अहंकार ना कर, ए-दिल औकात में रह, मोहब्बत न कर !! हैं ग़र फिर भी गुमान तुझे, तो खुद को साबित कर, ए-दिल औकात में रह, मोहब्बत न कर !! Read More » जुलाई 23, 2020 8:05 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं