ख़ुद को खोकर
ख़ुद को ही ढूँढती हूँ मैं
दूर से आती हुई आवाज़
सुनकर
बहुत देर तक कुछ सोचती हूँ
उस अकेलेपन को
जो शांत है
…
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Author Archive for: RajatRoopa
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शायरी
शेर
वो छाँव पेड़ की धूप में भी नरमी का एहसास देती है,
जैसे कोई माँ बच्चे को अपने आँचल से ढाँक लेती है !!
मई 11, 2020
10:07 अपराह्न
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शेर
यूँ शक्ल पर अपनी उदासी की चादर ना ओढ़िए,
समय ख़राब हो फिर भी मुस्कुराने का हुनर सीखिए !!
मई 1, 2020
10:11 अपराह्न
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शेर
पास होकर भी न जाने क्यूँ दूर से लगते हो,
कभी कभी मुझे तुम अजनबी से लगते हो !!
मई 1, 2020
9:43 अपराह्न
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शेर
झूठ बोलती हूँ तो लफ़्ज़ ठहर जाते हैं,
सच बोलती हूँ तो लोग रूठ जाते हैं !!
अप्रैल 28, 2020
9:00 अपराह्न
2 टिप्पणियाँ
शेर
फूल रह जाएँगे गुलदान में यादें बनकर,
मैं तो ख़ुशबू हूँ हवाओं में बिखर जाऊँगी !!
अप्रैल 28, 2020
3:48 अपराह्न
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