शायरी ख़ुद को खोकर ख़ुद को ही ढूँढती हूँ मैं दूर से आती हुई आवाज़ सुनकर बहुत देर तक कुछ सोचती हूँ उस अकेलेपन को जो शांत है … पूरी शायरी पढ़ने के लिए क्लिक करे! Read More » मई 25, 2020 6:46 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर वो छाँव पेड़ की धूप में भी नरमी का एहसास देती है, जैसे कोई माँ बच्चे को अपने आँचल से ढाँक लेती है !! Read More » मई 11, 2020 10:07 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर यूँ शक्ल पर अपनी उदासी की चादर ना ओढ़िए, समय ख़राब हो फिर भी मुस्कुराने का हुनर सीखिए !! Read More » मई 1, 2020 10:11 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर पास होकर भी न जाने क्यूँ दूर से लगते हो, कभी कभी मुझे तुम अजनबी से लगते हो !! Read More » मई 1, 2020 9:43 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर झूठ बोलती हूँ तो लफ़्ज़ ठहर जाते हैं, सच बोलती हूँ तो लोग रूठ जाते हैं !! Read More » अप्रैल 28, 2020 9:00 अपराह्न 2 टिप्पणियाँ
शेर फूल रह जाएँगे गुलदान में यादें बनकर, मैं तो ख़ुशबू हूँ हवाओं में बिखर जाऊँगी !! Read More » अप्रैल 28, 2020 3:48 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं