उलझा हुआ कोई धागा सा हूँ,
तू छूकर मुझे रेशम बना दे ना !!
इधर-उधर भटकता जैसे कोई परिंदा सा,
तू पास बुलाकर मरहम लगा दे ना !!
Tag Archive for: जुदाई
शायरी
शेर
कुछ देर सफ़र में हम क्या रुके,
लोग हाथ छुड़ा कर चलने लगे !!
अगस्त 19, 2020
2:15 अपराह्न
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शेर
दिन ढ़ले जब बात नहीं होती,
सच कहें तब रात नहीं होती !!
जून 18, 2020
12:13 पूर्वाह्न
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शेर
जगें हैं रात-रात भर किसी से बात करने के इंतज़ार में,
अब दोबारा ऐसे किसी के लिए जगना इतना आसान तो नहीं !!
मई 3, 2020
2:56 पूर्वाह्न
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शेर
पास होकर भी न जाने क्यूँ दूर से लगते हो,
कभी कभी मुझे तुम अजनबी से लगते हो !!
मई 1, 2020
9:43 अपराह्न
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शेर
याद रखना रुख़सत बेफ़वा नहीं,
बेवफ़ा होती तो रुख़सत न होती !!
अप्रैल 22, 2020
10:00 अपराह्न
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शेर
उस दिन आँखों में काजल लगा कर ना आई थी वो,
समझ गया था मैं कि कोई कयामत संग लाई थी वो !!
अप्रैल 11, 2020
8:51 अपराह्न
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शेर
होती न फिक्र अगर इन्हें भी अपनों की,
ये लहरें भी किनारों पर ठहर जाती !!
जनवरी 16, 2020
8:23 अपराह्न
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शेर
एक दफा मिलकर फिर वो ऐसे मिले,
जैसे पानी बनकर अश्क निगाहों में मिले !!
दिसम्बर 1, 2019
4:58 अपराह्न
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शेर
कब कहा मैंने कि तुम गलत हो,
पर हाँ ! मेरे लिए तुम सबक हो !!
नवम्बर 29, 2019
2:17 पूर्वाह्न
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