रविवार का दिन था, अपने कॉलेज का काम करने में पूरा दिन व्यस्त रहा। काम करते करते वक़्त कैसे गुजरता गया कुछ पता ही नहीं चला। शाम हो चुकी थी, जब मैंने आख़री पाठ पड़ा। जैसे ही अपनी पुस्तकें समेट कर रखी तभी बड़े भैया का फ़ोन आया और एक दावत में जाने का निमंत्रण दिया। दावत एक अच्छे खासे होटल में होनी थी तो मैंने भी कुछ न सोचे न समझे हाँ कह दी. तक़रीबन रात के 9 बज चुके थे जब हम दावत में पहुंचे। दावत में अच्छी तरह से बन ठन कर लोग आये हुए थे और ज्यादातर सभी अंग्रेजी में बात कर रहे थे। मुझे सुनकर थोड़ा अजीब प्रतीत हो रहा था लेकिन मैं अपने रंग में ही रंगा रहा। कुछ ही देर बाद भोजन प्रारम्भ हो गया और सभी लोग भोजन की ओर चल दिए। इसी बीच कुछ लोग अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे थे, असल में तो 4 व्यक्ति ही स्टेज पर थे जो संगीत का भरपूर आनंद दिला रहे थे और फिर उनको देखम देख और लोग भी अपनी कला का प्रदर्शन करने लगे। कुछ लोगो ने अंग्रेजी गीत गए तो किसी ने दूसरी भाषा (हिंदी और अंग्रेजी से अलग ) में कविता पाठ किया। इन्हे सुनकर मेरे अंदर से भी आवाज़ आई कि मुझे भी अपनी कला का प्रदर्शन करना चाहिए। सभी लोगो ने अंग्रेजी गीत और कवितायेँ सुनाई , लेकिन मैंने सोचा कि मुझे अपनी लिखी कुछ हिंदी कविताएँ सुना कर कुछ अलग करना चाहिए। मैं भी जा पहुँचा स्टेज पर और शुरू हो गया। जब मैंने पहली शायरी सुनाई तो सभी लोग शांत थे किसी ने भी ताली नहीं बजाई, मुझे लगा शायद मेरी शायरी ही बेकार हो। मैंने फिर एक शायरी सुनाई लेकिन ! तब भी किसी ने ताली नहीं बजाई। अब ज्यादातर लोगो का ध्यान स्टेज से हट गया था और अपने परिवार जन में व्यस्त हो गया। मेरा हृदय भी सुन सा हो चुका था ये सब देखकर, आख़िर इतना बुरा भी नहीं लिखता। 😀 मेरे बड़े भईया वही पर खड़े हुए थे , उन्होंने आवाज़ लगाई और मुझे बुलाया। मैं इधर उधर देखे बिना भैया के पास चला गया। लेकिन वहां एक महिला ने मुझे शाबाशी दी और प्रोत्साहित किया , फिर मुझे लगा शायद यहाँ के लोगो में ही कुछ गड़बड़ है ( क्योंकि ज्यादातर सभी अंग्रेजी में बात कर रहे थे ) बाद में मुझे पता चला की उन लोगो को हिंदी नहीं आती थी। वे लोग साउथ इंडियंस थे इसीलिए अंग्रेजी और तमिल भाषा बोल रहे थे। ये बात जान कर मुझे अपने ऊपर हँसी आने लगी और समझ आ गया की हमे कुछ अलग वही करना चाहिए जहाँ लोग उसको समझ सके।
कर कुछ अलग वहीं ,
जहाँ समझे उसे कोई !
उल्टा सूट पहने हुए ,
भीड़ है अगर कहीं !
सीधा सूट पहने खड़ा ,
कहलाएगा पागल वही !
awesome 😀 😀 …… sahi kaha aapne 😛