Author Archive for: NiVo (Nitin Verma)
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शायरी

लफ़्ज़ों का स्वाद गर खारा ना हो,
कोई शख़्स यहाँ प्यार का मारा ना हो !!
मृगतृष्णा सा ना हो गर सहारा कोई,
तो भीड़ में कभी दिल बे-चारा ना हो !!
जुलाई 25, 2020
9:02 अपराह्न
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शायरी

लोगों को कभी कुछ खास मिल जाने पर
ना जाने कैसे इतना गुरूर आता है…
अपने शहर में तो वसंत और बरसात के बाद
मौसम पतझड़ का जरूर आता है…
जुलाई 21, 2020
7:23 अपराह्न
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शायरी

निराशा का ये मंज़र और गम के
काले बादल जल्द छट जाएंगे !!
तू बढ़ता रह मंज़िल की ओर
हर कदम फ़ासले घट जाएंगे !!
जुलाई 5, 2020
2:34 पूर्वाह्न
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शायरी

ज़रा सा भी मुझे कुछ हो जाए तो
बड़ा फ़िक्र करती है !!
अपने दोस्तों से भी खुद से ज्यादा
मेरा ज़िक्र करती है !!
जून 19, 2020
11:28 अपराह्न
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