शायरी उलझा हुआ कोई धागा सा हूँ, तू छूकर मुझे रेशम बना दे ना !! इधर-उधर भटकता जैसे कोई परिंदा सा, तू पास बुलाकर मरहम लगा दे ना !! Read More » जनवरी 27, 2022 2:40 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर ज़रूरी नहीं मिले विचार तुम्हारे सभी से यहाँ, तुम्हीं बताओं आसमाँ मिले ज़मीं से कहाँ ? Read More » जुलाई 24, 2021 4:57 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी सुनाई देते है कई अलफ़ाज़ मगर, अपनों सी उनमें बात नहीं होती !! होती नहीं जिस पल मौजूदगी तुम्हारी, उस पल हसीन मुलाकात नहीं होती !! Read More » जून 9, 2021 5:23 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर नहीं ऐसी कोई ख्वाइश कि बीते कल मिल जाए, बस दिन ढलने के बाद फ़ुर्सत के दो पल मिल जाए !! Read More » जून 9, 2021 4:54 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर कुछ देर सफ़र में हम क्या रुके, लोग हाथ छुड़ा कर चलने लगे !! Read More » अगस्त 19, 2020 2:15 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर उनके सपने, उनके अरमान एक पल में डूब जाते है, जिनके अपने, जिनके मकान एक पल में डूब जाते है !! Read More » जुलाई 30, 2020 6:36 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर दृढ़ निश्चय और निरंतर हरेक प्रयास था, ज़मीं से आसमां जीतना बेहद खास था !! Read More » जुलाई 27, 2020 7:23 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी लफ़्ज़ों का स्वाद गर खारा ना हो, कोई शख़्स यहाँ प्यार का मारा ना हो !! मृगतृष्णा सा ना हो गर सहारा कोई, तो भीड़ में कभी दिल बे-चारा ना हो !! Read More » जुलाई 25, 2020 9:02 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी लोगों को कभी कुछ खास मिल जाने पर ना जाने कैसे इतना गुरूर आता है… अपने शहर में तो वसंत और बरसात के बाद मौसम पतझड़ का जरूर आता है… Read More » जुलाई 21, 2020 7:23 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी जो हुई खता चलो! सब गुनाह हम एतराफ़ करते है, इक धूल है जो गलतफ़हमी की आओ! इसे भी साफ़ करते है !! Read More » जुलाई 16, 2020 11:06 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं