शायरी ख़्वाइशों की रफ़्तार थोड़ी धीमी करके, काविशों पर थोड़ा ज़ोर दे ‘नीवो’.. टुकड़ों में बाँट कर ऊँचाई कम न कर, एक ही पतंग को पूरी डोर दे ‘नीवो’.. Read More » अप्रैल 12, 2020 8:35 अपराह्न 1 टिप्पणी
शेर तुम जैसा ही हूँ मैं भी, कोई जुदा नहीं, गलतियों का पुतला हूँ, कोई ख़ुदा नहीं !! Read More » अप्रैल 12, 2020 2:42 अपराह्न 2 टिप्पणियाँ
शेर एक बे-सहारा किसी के संग लेट के, लाती है दो वक़्त की रोटी समेट के !! Read More » अप्रैल 12, 2020 1:32 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर अभी मुझे सपना आया और सपने में दिखी तुम, फिर चैन मेरा चला गया और नींद हो गई गुम !! Read More » अप्रैल 12, 2020 12:54 पूर्वाह्न 1 टिप्पणी