नमक और मलहम दोनों हैं तुम्हारे पास,
ज़ख्म पर क्या लगाते हों, तुम ही जानो !!
दोस्त बनते हो या दुश्मन, तुम दुनिया के,
अपने और पराए का फर्क, तुम ही जानो !!
ख़ुद को खोकर
ख़ुद को ही ढूँढती हूँ मैं
दूर से आती हुई आवाज़
सुनकर
बहुत देर तक कुछ सोचती हूँ
उस अकेलेपन को
जो शांत है
…
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