शायरी उलझा हुआ कोई धागा सा हूँ, तू छूकर मुझे रेशम बना दे ना !! इधर-उधर भटकता जैसे कोई परिंदा सा, तू पास बुलाकर मरहम लगा दे ना !! Read More » जनवरी 27, 2022 2:40 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर उस प्यार का मज़ा ही क्या जो दर्द न दे, ख़ुशी तो बचपन की झूठी जीत में भी मिल जाती थी !! Read More » जुलाई 25, 2021 3:12 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर डूब जाने को पास हमारे भी इक दरिया-ए-मुहब्बत था, ख़ामख़ा हम ही इश्क़ में किनारो पे सब कुछ गवा बैठे !! Read More » जुलाई 24, 2021 6:00 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर ज़रूरी नहीं मिले विचार तुम्हारे सभी से यहाँ, तुम्हीं बताओं आसमाँ मिले ज़मीं से कहाँ ? Read More » जुलाई 24, 2021 4:57 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी ज़िन्दगी मझधार है, हम फ़िर भी जीए जा रहे हैं । महज़ तेरी याद से, ग़म-दर्द सीए जा रहे हैं । ज़िन्दगी मझधार है ! तुम्हें मुसर्रत हो मुबारक, जफ़ा की सौगात में । हम तो समंदर पीर का, मयकदों में पीए जा रहे हैं । … पूरी शायरी पढ़ने के लिए क्लिक करे! Read More » जून 9, 2021 4:39 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर चाहते हम भी है देना वफ़ा ताउम्र मुहब्बत में तुझको, पर ये इश्क़ औऱ मुफलिसी कम्बख्त साथ नही रहते !! Read More » जून 9, 2021 4:10 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर उनके सपने, उनके अरमान एक पल में डूब जाते है, जिनके अपने, जिनके मकान एक पल में डूब जाते है !! Read More » जुलाई 30, 2020 6:36 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर दिन की चकाचौंध इतनी थी कि नज़ारे नज़र न आए, ढ़लने लगा सूरज यहाँ तो खुद के साए नज़र न आए !! Read More » अप्रैल 24, 2020 9:25 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर दुनिया से क्यों रूठे से लगते हों, अंदर से जनाब टूटे से लगते हों !! Read More » अप्रैल 13, 2020 8:22 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर तकदीरें कुछ यूँ भी बदनाम हो गई, जब तदबीरें सारी नाकाम हो गई !! Read More » दिसम्बर 12, 2019 12:29 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं