शायरी ये जो आख़िरी है, वो ही निशान काफ़ी है… हमारे बदले का सिर्फ, यही हिसाब काफ़ी है !! क्यो बुलवाते हो गैरों से कि तुम हो… हमे मारने का, यही ख़िताब काफ़ी है !! Read More » जून 16, 2020 6:30 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर दिल की ख्वाहिशें मुझे कहाँ तक उड़ाएगी, ये आसमान की चाहत, ज़मीन भी छुड़ाएगी !! Read More » जून 16, 2020 5:23 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी एक नये प्यार ने पुरानी दोस्ती का भरोसा तोड़ दिया, एक बेवफा लड़की के लिए बचपन के दोस्त का साथ छोड़ दिया !! Read More » जून 16, 2020 5:01 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं