शेर जगें हैं रात-रात भर किसी से बात करने के इंतज़ार में, अब दोबारा ऐसे किसी के लिए जगना इतना आसान तो नहीं !! Read More » मई 3, 2020 2:56 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर याद रखना रुख़सत बेफ़वा नहीं, बेवफ़ा होती तो रुख़सत न होती !! Read More » अप्रैल 22, 2020 10:00 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी मजबूरियाँ रही है उसकी, तुम यूँ मेरे महबूब को बेवफ़ा न कहो !! साथ जब तक थी कोई फ़रेब नहीं किया उसने, तुम उसे यूँ झूठा न कहो !! … पूरी शायरी पढ़ने के लिए क्लिक करे! Read More » अप्रैल 22, 2020 9:00 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी अब क्या बताएँ… किस कदर निकम्मा किया है इस इश्क़ ने, रात भर जागते हैं हम, सुबह उसे सबसे पहले देखने के लिए !! Read More » अप्रैल 15, 2020 1:56 अपराह्न 1 टिप्पणी