शेर तेरी हुस्न-ए-तारीफ़, जो हम किया करते है, तेरी सूरत पर नहीं, तेरी सीरत पर किया करते है !! Read More » मार्च 29, 2018 1:49 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं
शेर आँखों में बस्ती है जो, वो आज भी तेरी सूरत है !! बस एक तेरी रूह है जो, खुदा से भी खूबसूरत है !! Read More » सितम्बर 8, 2017 3:58 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं
शायरी सरल सवाल का पेचीदा जवाब क्यों है, आखिर आशिकी का अंजाम खराब क्यों है !! महफ़िलो में बस दर्द-ए-दिल सुनाता हूँ मै, तो फिर हर शख्स कहता लाजवाब क्यों है !! Read More » मार्च 26, 2017 2:39 पूर्वाह्न 1 टिप्पणी