Author Archive for: PoemsBucket
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ग़ज़ल
उस हसीन राह से गुजरकर देखते हैँ,
चल इश्क़ की राह पर चलकर देखते हैँ!!
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मार्च 4, 2016
9:06 अपराह्न
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ग़ज़ल
कोई वादा खुद से, निभाओ तो सही,
कभी खुद से खुद को, मिलवाओ तो सही !!
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मार्च 3, 2016
3:42 अपराह्न
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ग़ज़ल
आ थोड़ा और दम लगाएं,
चल बुलन्दियों को झुकाएं !!
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फ़रवरी 27, 2016
1:32 अपराह्न
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