कोरोना वायरस के कारण केवल भारत ही नहीं बल्कि सारे संसार की हालत चिंताजनक है। ज्यादातर देशो में लाकडाउन लगा हुआ है ताकि लोग घरो से बाहर ना निकले और एक दूसरे से ना मिले जिससे कि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके। भारत में भी अभी लाकडाउन लगा हुआ है। पर यह देखा गया है कि इस लाकडाउन के कारण प्रकृति को बहुत लाभ पहुंचा है जोकि शायद हमने सोचा तक नहीं था।
हवा जोकि मनुष्य के कारण दूषित हो गयी थी, आज जब सभी अपने घरो में बंद है तो यह दूषित हवा भी अपने आप साफ़ हो गयी।
नदियाँ जोकि बहुत ज्यादा गंदी हो गयी थी, जिनके ऊपर सरकारों ने करोड़ो रुपए भी खर्च किये पर उसका कुछ बहुत उत्तम परिणाम नहीं निकला। आज जब लाकडाउन लगा है तो ये नदियाँ भी अपने आप साफ़ हो गयी।
ये मनुष्य जानवर और पंछियो को कैद किया करते थे। आज इन्हे भी अपनी गलती का अहसास जरूर हो रहा होगा। आज इंसान जरूर यह समझेगा कि जब आजाद पंछियो को एक छोटे से पिंजरे में बंद किया जाता है तो उन्हें कैसा महसूस होता है।
विकास के नाम पर जितना मनुष्य ने कुदरत और प्रकृति का विनाश किया है यह वायरस उसी का परिणाम है। कितनी अजीब बात है कि आज का इंसान पृथ्वी के अलावा और गृहों पर भी जीवन तलाश रहा है जबकि यह अपनी पृथ्वी का विनाश अपने ही हाथो से जाने-अनजाने में कर रहा है।
विज्ञान कि दिन-प्रतिदिन की प्रगति प्रकृति के लिए कही ना कही खतरनाक साबित हो रही है। ये कोरोना वायरस उसी का परिणाम है। अगर इंसान अभी भी ना समझा तो आने वाले दिनों में उसके विनाश को कोई नहीं रोक सकता। विज्ञान भी नहीं।