पिता जी – पिता जी

Pita Ji-Pita Ji - Hindi Kavita For Father

Pita Ji-Pita Ji – Hindi Kavita For Father

Poetry In Hindi Font:
पिताजी, पिताजी, पिताजी,
ईश्वर का वरदान पिताजी।
बनकर प्रथम गुरु हमारे,
देते हमें ज्ञान पिताजी।
कर जोड़ मैं वंदन करूँ,
हैं हमारे भगवान पिताजी।

स्यवं स्वरूप बनाकर,
दुनिया में हमें लाये पिताजी।
ऊँगली पकड़-पकड़ के,
चलना हमें सिखलाये पिताजी।
नियम सभी दुनिया के,
हमको दिए समझाये पिताजी।
क्या अच्छा क्या बुरा है,
कुछ मुझको नहीं पता है।
अनुभव से अपने सारे,
भेद हमें बतलाये पिताजी।….

माँ ममता का सागर है,
पर उसका किनारा हैं पिताजी।
माँ से ही बनता घर है,
पर घर का सहारा हैं पिताजी।
माँ आँखों की ज्योति है,
पर आँखों का तारा हैं पिताजी।
माँ से स्वर्ग, माँ से वैकुण्ठ,
माँ से ही हैं चारों धाम,
पर इन सबका द्वारा पिताजी।….

गलती की तो मारा पिताजी,
प्यार से हमें सुधारा पिताजी।
बेशक रूखे दिखते हैं,
पर अमृत की धारा पिताजी।
आज जहां में जो भी मैं हूँ,
सिर्फ तुम्हारा सहारा पिताजी।
नहीं चुका है, नहीं चुकेगा
हमसे ऋण तुम्हारा पिताजी।….

देता हूँ धन्यवाद प्रभु को,
मानव मुझे बनाने को।
ईश्वर के साक्षात रूप,
दर्शन मुझे कराने को।
शब्द नहीं हैं मेरे पास,
महिमा उनकी बताने को।
जयघोष लगा के गाता हूँ,
मैं तुम्हारा गुणगान पिताजी।….

~”देवांश राघव”~

devansh raghav
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2 Comments
  1. Author
    devansh raghav 8 वर्ष ago

    Dhanywaad

  2. VIJAY KUMAR KHEMKA 8 वर्ष ago

    Awsm. Really Nice.

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