उस खुदा ने मुझे सब कुछ दिया है,
जो भी दिया है बेशुमार दिया है !!
मेरा व्यवहार ही मेरी पहचान है,
गणित के शून्य जैसा मेरा मान है !!
जो भी मुझसे जुड़ता है उसका मान बढ़ जाता है,
हर शख्स़ उससे इज्ज़त से पेश आता है !!
ये जो चाँद है
उसे तो हर रोज आना है।
कभी काले शीत घघन में चमकना
तो कभी बादलो में धूमिल जाना है।
उसका हर रोज बेदाग सा होकर
प्रियतम सा बन आना है।
तुम चाँद हो मेरे और
तुझे, प्रकाश में मिल जाना है।
टूटे पत्ते किसी टहनी के,
कभी दोबारा जुड़ा नहीं करते !!
अलविदा कर देते है जो इस संसार को,
वो कभी दोबारा मुड़ा नहीं करते !!
अरे! कहते है सभी को जाना है एक दिन,
पर जो दिल जीत लेते है,
वो कभी लोगो के दिलों में मरा नहीं करते !!
कभी लगा ही नहीं था,
तुम्हारे जाने का इतना दुख होगा,
शायद इसलिए कि कभी महसूस ही नहीं हुआ
कि तुम इतनी जल्दी विदा ले जाओगे !
हालांकि साल, दो साल से एक डर ज़रूर था,
जो आज एक रोज़ भयावह सच में तब्दील हो गया !
…
पूरी शायरी पढ़ने के लिए क्लिक करे!