Author Archive for: NiVo (Nitin Verma)
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एक नई उमंग के संग चमचमाता सवेरा होगा,
चंद कुछ किरणों से कँपकपाता अंधेरा होगा !!
‘झूठ’ की रफ़्तार कुछ यूँ भी तेज़ है,
‘सच’ को बिन ‘प्रमाण’ चलने से परहेज़ है !!
ख़्वाइशों की रफ़्तार थोड़ी धीमी करके,
काविशों पर थोड़ा ज़ोर दे ‘नीवो’..
टुकड़ों में बाँट कर ऊँचाई कम न कर,
एक ही पतंग को पूरी डोर दे ‘नीवो’..
एक बे-सहारा किसी के संग लेट के,
लाती है दो वक़्त की रोटी समेट के !!
उस दिन आँखों में काजल लगा कर ना आई थी वो,
समझ गया था मैं कि कोई कयामत संग लाई थी वो !!
राह मुश्किल थी,
पर ऐसा नहीं कि मैं चल ना पाया !!
मंज़िल दूर थी,
बस रास्ते भर दीपक जल ना पाया !!
रोज़ मंज़िल की तलाश में,
न जाने कहाँ-कहाँ पहुँच जाता हूँ !!
लौटता नहीं कभी खाली हाथ,
थोड़ा ज़ख्म, थोड़ा मलहम साथ ख़रोंच लाता हूँ !!
नोंच नोंच सब खा गए,
अब बद से बदत्तर हूँ मैं !!
कर आए शराफत वहीं दफ़न,
अब सम्पूर्ण पत्थर हूँ मैं !!
मुझसे कोई खता हो
तो मुझे बता देना..
औरो की तरह रिश्ता तोड़ने का
बहाना नही चाहिए मुझे !!