तलवार व चाकू की क्या है जरूरत,
तुम्हारी तो आँखें ही कातिलाना है !!
कानों में झुमके और होठों पे लाली,
तेरे हुस्न का तो प्रिय हर कोई दिवाना है !!
Author Archive for: Lokesh Gautam(Keshav)
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नमक और मलहम दोनों हैं तुम्हारे पास,
ज़ख्म पर क्या लगाते हों, तुम ही जानो !!
दोस्त बनते हो या दुश्मन, तुम दुनिया के,
अपने और पराए का फर्क, तुम ही जानो !!
तलवार और चाकू की नहीं हैं जरूरत,
आंखों की ये तेरी नजर जानलेवा हैं !!
कानों की बालियों में जो तू हाथ फिराए,
तेरी ये नखरे वाली अदाएं जानलेवा है !!
कैसे पलटने दूँ तुम्हें, अपनी मोहब्बत के पन्ने,
जनाब ये दिल की बात है,अखबार थोड़े हैं !!
रहे दफन मेरा इश्क़ मेरे अंदर, तो अच्छा हैं,
मातम का माहौल हैं भीतर, त्यौहार थोड़े हैं !!
इश्क़ तो सिर्फ तेरे मेरे बीच का मामला हैं,
दोनों के प्यार में, क्यों दुनिया जल रही हैं !!
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मौत के बाद खामोशी पसरी मिली हैं।
रोटियां पटरियों पर बिखरी मिली हैं।
दाम देकर सरकारें निर्दोष हो गई हैं,
गरीब की जान देश में बिकती मिली हैं।
मजदूर को उसके घर पहुंचाना ही पड़ेगा,
चुनाव वाले वादों को निभाना ही पड़ेगा,
देश की रीढ़ की हड्डी है हमारे ये मजदूर,
हर एक की जान को बचाना ही पड़ेगा।
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ना कुछ पाने का लालच,
ना कुछ खोने का डर था !!
सुकून वाले रात दिन वाला,
हमारे बचपन का सफ़र था !!
ना झूठ का बोलबाला था,
ना ही फ़रेब का ज़माना था !!
सबसे मिलते थे हँसकर हम,
रूठने का ना कोई बहाना था !!
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लफ़्ज़ों को किताबों से बस चुनकर बोलते है,
दुनिया में अब लोग कहाँ खुलकर बोलते हैं !!
हमें दामन पर गंदे दाग नहीं चाहिए,
बेशर्मी के पौधों के बाग नहीं चाहिए !!
इज्जत को जो जलाके तार तार करदे,
मेरे वतन को ऐसे चिराग नहीं चाहिए !!
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मेरी कोशिश ज़िन्दगी से कहाँ हारी हैं,
जो ना मिल पाया उसकी तलाश जारी हैं !!