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शेर
वक़्त गुज़र रहा है
मालूम नहीं क्या कुछ सँवर रहा है,
हाँ! इतना ज़रूर है कि वक़्त गुज़र रहा है !!
नवम्बर 20, 2019
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शेर
झूठ की रफ़्तार कुछ यूँ भी तेज़ है
‘झूठ’ की रफ़्तार कुछ यूँ भी तेज़ है,
‘सच’ को बिन ‘प्रमाण’ चलने से परहेज़ है !!
अप्रैल 13, 2020
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कुछ पंक्तियाँ
मई 1, 2020
अगस्त 22, 2019
जून 5, 2020
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शायरी
Kabhi Kabhi Ye Sochkar Ro Deti Hoon Ki – Sad Shayari
हिन्दी फॉन्टEnglish Font कभी-कभी ये सोचकर रो देती हूँ किबड़ी फोटो देखने के लिए क्लिक करे कभी-कभी ये सोचकर रो देती हूँ कि ऐसा क्या हासिल था मुझे, जो मैंने खुद को ही खुद से खो दिया !! ~मानवी Kabhi kabhi ye sochkar ro deti hoon ki aisa kya haasil tha mujhe, jo maine khud ko hi khud se kho
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सितम्बर 6, 2016
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शायरी
देखो! शान-ओ-शौकत
देखो! शान-ओ-शौकत,
चन्द लकीरों की मोहताज नहीं !!
उसके पास भी सब कुछ है,
जिसके दोनों हाथ नहीं !!
अक्टूबर 7, 2019
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शायरी
पास से होकर तो गुज़रती है
एक मंज़िल, एक डगर है मगर,
विपरीत दिशा नज़रों को अखरती है !!
वो चली जाती है ‘नीवो’ दूर मगर,
हमेशा पास से होकर तो गुज़रती है !!
अक्टूबर 20, 2019
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दिसम्बर 31, 2019
अप्रैल 26, 2020