ग़ज़ल दुनिया में अगर रंग काला ना होता कच्ची रोटियों से क्या पेट भरता कभी, वो तवा वो चूल्हा अगर काला ना होता !! … पूरी गज़ल के लिए क्लिक करे! Read More » जून 8, 2020 4:54 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
ग़ज़ल खेल रहे सत्ताधारी सियासी खेल ऐसा सफ़ेद झूठ बोले सफ़ेद रंग का पहने कुर्ता, सफ़ेद कुर्ते की सफ़ेद जेब में काला धन हो रहा है !! … पूरी गज़ल के लिए क्लिक करे! Read More » मई 30, 2020 10:41 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
ग़ज़ल कोरा कागज़ – स्याही से सजाता चला गया मोहब्बत के वादें कब तलक अकेले निभाता चला गया, दिल की राख से हर दास्ताँ उसकी लिखता चला गया !! … पूरी गज़ल के लिए क्लिक करे! Read More » मई 26, 2020 9:09 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
ग़ज़ल नज़रों से जो हमारी नज़रे मिल रही हैं इश्क़ तो सिर्फ तेरे मेरे बीच का मामला हैं, दोनों के प्यार में, क्यों दुनिया जल रही हैं !! … पूरी गज़ल के लिए क्लिक करे! Read More » मई 13, 2020 1:56 अपराह्न 2 टिप्पणियाँ
ग़ज़ल पूरा गुलाबी गुलज़ार होता है देखा नहीं अपना भी साया अंधेरे में कभी, पर देखा है साथ हमेशा एक यार होता है !! … पूरी गज़ल के लिए क्लिक करे! Read More » मई 3, 2020 11:08 अपराह्न 1 टिप्पणी
ग़ज़ल निखर आएगी मेरी भी शायरी आहिस्ता आहिस्ता बढ़ रहा है उनका हुस्न-ओ-शबाब आहिस्ता आहिस्ता, निखर आएगी मेरी भी शायरी आहिस्ता आहिस्ता !! … पूरी गज़ल के लिए क्लिक करे! Read More » अप्रैल 26, 2020 10:14 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
ग़ज़ल फिर एक साल हो गया महज़ कुछ तारीख़े बीत जाने से कैसे मलाल हो गया, पूरा करने की है चाहत तो अधूरा कैसे ख्याल हो गया !! … पूरी गज़ल के लिए क्लिक करे! Read More » दिसम्बर 31, 2019 5:28 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
ग़ज़ल भेड़िया छुपा रहनुमा के भेष में हो जाएगा सब राख यूँ ही जल कर, फिर कुछ न बचेगा हमारे देश में !! … पूरी गज़ल के लिए क्लिक करे! Read More » दिसम्बर 20, 2019 9:00 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं
ग़ज़ल रिश्तों में लहजे जब गर्माने लगे रिश्तों में लहजे जब गर्माने लगे, वसंत में भी फूल मुरझाने लगे !! … पूरी गज़ल के लिए क्लिक करे! Read More » दिसम्बर 6, 2019 4:01 पूर्वाह्न कोई टिप्पणी नहीं
ग़ज़ल खुद से बेखबर है दवा-ए-इश्क़ जो दी तूने, हर दर्द अब बेअसर है !! … पूरी गज़ल के लिए क्लिक करे! Read More » सितम्बर 9, 2019 7:59 अपराह्न कोई टिप्पणी नहीं