सपनों को अपने तुम मन में छुपा लेती हो,
मेरी एक मुस्कान देख ख़ुशी पा लेती हो,
हर ज़िम्मेदारी को बखूबी निभा लेती हो,
माँ तुम कितनी प्यारी हो सब सँवार देती हो!
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राम को रहीम से और
रहीम को राम से
शिकायत है।
होनी भी चाहिए क्योंकि
ये दोनों बरसों-बरस के
साथी रहे हैं।
ऐसे साथी जिनको एक-दूसरे से
अलग कर पाना मुश्क़िल है।
उतना ही मुश्क़िल, जितना
ख़ुद को ख़ुद से अलग करना।
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हालातों के मारे ये कल के उजाले हैं।
शिक्षा आजकल दौलत के हवाले हैं।
कैसे पड़ेगा बच्चा, अगर गरीब होगा,
अमीरों को ही तो पढ़ना नसीब होगा,
दिल इस कारोबार में कितने काले हैं।
शिक्षा आजकल दौलत के हवाले हैं।
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मैं तुझे खोना नहीं चाहती,
तू ज़िन्दगी है मेरी…
एक पल के लिए नही,
एक लम्हें के लिए नही…
ज़िन्दगी भर के लिए,
तू ज़िन्दगी है मेरी…
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मैं पढ़ता भी हूँ और पढ़ाता भी हूँ,
सत्ता से सवाल करना सिखाता भी हूँ,
तर्कवादी बने के लिए उकसाता भी हूँ,
सत्ता से संघर्ष ही धर्म हैं बतलाता भी हूँ,
इसलिए मैं देशद्रोही कहलाता हूँ !!
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दुनिया की नजरों में, वही शख्स बेचारा हुआ,
हालातों से लड़कर, जो खड़ा ना दोबारा हुआ !!
तेरी ज़िन्दगी तो एक इम्तिहान जैसी है ‘केशव’,
इसमें नाकाम इंसान, कहाँ किसी को प्यारा हुआ !!
मैं नहीं मानता इंसानों द्वारा बनाए,
किसी दकियानूसी रीति रिवाज को,
धर्म के नाम पर विभाजित तेरे
इस समाज को,
ना मैं पत्थर पूजू, ना ही कब्र में दफन इंसान को,
नकारता हूँ किसी सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापी
इंसान के होने के अस्तित्व को,
जी हाँ मैं नास्तिक हूँ !!
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